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रविवार, 7 अक्तूबर 2012

परिचय - अनुलता राज नायर


मैं हूँ अनु..अनुलता राज नायर.44 वर्षीय गृहणी और दो बेटों की माँ हूँ.
केमेस्ट्री में एम.एस.सी किया है.पढ़ना बहुत पसंद है.विद्यार्थी जीवन में पढाकू किस्म की थी सो तब कविता सूझती न थी....
फिर कुछ यूँ हुआ कि ज़िन्दगी ज़रा ठहरी और वक्त मिला भावनाओं को शब्दों में अभिव्यक्त करने का.. !!
कभी सुकून मिला तो दिल गुनगुनाया..या कभी दर्द हुआ तो मन कसमसाया...और जो दिल में आया उसको ढाल दिया शब्दों में....अनजाने ही बन गयी कविता..
अब कुछ सालों से  लेखन कर रही हूँ .डेढ़ साल पहले जबसे ब्लॉग लिखने लगी तब से पाठकों और माननीय रचनाकारों  के प्रोत्साहन और माता पिता के आशीर्वाद से नियमित लेखन जारी है.अब तक तकरीबन १५० से ज्यादा कवितायें और दो कहानियाँ  लिख चुकी हूँ.
सबसे  पहले १९९५ में मनोरमा में एक संस्मरण छापा था.
दैनिक भास्कर की मधुरिमा में भी कविता प्रकाशित.
छत्तीसगढ़ से प्रकाशित समाचार पत्र "भास्कर भूमि " में नियमित रचनाएँ प्रकाशित.
प्रतिष्ठित पत्रिका अहा ! जिंदगी में मेरा एक पत्र प्रकाशित.
कविता संग्रह-
"ह्रदय तारों का स्पंदन " प्रकाशित -जिसमे ५ प्रेम कवितायें हमारी हैं.
"खामोश खामोश और हम " में मेरी रचनाएँ.
रश्मि प्रभा जी द्वारा सम्पादित पुस्तक "शब्दों के अरण्य" में मेरी एक रचना.

मेरा ब्लॉग   my dreams 'n' expression याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन 
http://allexpression.blogspot.in/

35 टिप्‍पणियां:

  1. फिर कुछ यूँ हुआ कि ज़िन्दगी ज़रा ठहरी और वक्त मिला भावनाओं को शब्दों में अभिव्यक्त करने का.. !!
    कभी सुकून मिला तो दिल गुनगुनाया..या कभी दर्द हुआ तो मन कसमसाया...और जो दिल में आया उसको ढाल दिया शब्दों में....अनजाने ही बन गयी कविता..bahut khub ..

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  2. लेखन कर्म यूँ ही चलता रहे अनवरत सतत... शुभकामनाये

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  3. आभार रश्मि दी......
    आपकी वजह से खुद को ज़रा सा खास महसूस करती हूँ :-)
    आपके स्नेह और प्रोत्साहन की वजह से ही लिख रही हूँ ....

    शुक्रिया..आपका और सभी स्नेही पाठकों का.
    ♥♥

    अनु

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  4. रश्मिजी के माध्यम से ही सही ...कुछ तो जाना तुम्हारे विषय में..अच्छा लगा

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  5. मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं...लेखनी अनवरत चलती रहे|
    आपकी रचनाएँ पढ़ते रहें , गुनगुनाते रहें|
    सस्नेह

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  6. रश्मि जी ! अनु को मैं उसके लेखन अभिव्यक्ति द्वारा जानने लगी थी..पर आज और करीब से जान गई हूँ.अनु बिन्दास लेकिन सुलझी हुई प्यारी प्यारी सी दूसरों की परवाह करने वाली लड़की है...उसे मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं ..। अनजान नही पर अनदेखे साथियों से मिलाने का जो आप ने वीडा उठा रखा है उसके लिए आप को और आप की भावनाओ को नमन...

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  7. बहुत अच्छा लगा पढ़कर उनकी रचनाएं तो मोहित करती ही थी आज उनकी सादगी उनके जीवन ने भी मोहित कर दिया लगा रूबरू मिल रही हूँ अनु से बहुत प्यारी सी अनु को मेरी शुभकामनाएं

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  8. Achchha laga aapka parichay... Mere liye aapka ye parichay padhna ek aupchaarikta maatra hai...
    Aaka pyaar,dulaar,protsaahan, muskurahat aur apnapan to kai saalon pahle hi aapka parichay mujhse karwa chuka hai mini aunty...

    Aapki rachnaayen yun hi muskurati rahen aur apni khushbu bikherti rahen...

    Shubhkaamnaayen <3

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  9. Achchha laga aapka parichay... Mere liye aapka ye parichay padhna ek aupchaarikta maatra hai...
    Aaka pyaar,dulaar,protsaahan, muskurahat aur apnapan to kai saalon pahle hi aapka parichay mujhse karwa chuka hai mini aunty...

    Aapki rachnaayen yun hi muskurati rahen aur apni khushbu bikherti rahen...

    Shubhkaamnaayen <3

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  10. शब्दों से जान लेना ब्लॉग जगत से जानी .... तो ये बहुत प्यारी और अपनी सी लगी .... फिर Fb.से एक सखी पाई ......

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  11. अच्छा लगा यह परिचय - अगर इसे परिचय कहें तो... अनु जी के साथ एक केमिस्ट्री शेयर करता हूँ मैं और रिश्ता भाई-बहन का.. और हाँ, इत्तेफाकन एक भाषा भी, जो मेरे दिल के करीब है (इतनी कि मैं लिख-पढ़ सकता हूँ आज बरसों बाद भी) और जिस भाषा का साहित्य इतना ज़मीनी है कि खुद के साथ आइडेंटीफाय कर पाता हूँ..
    अनु जी की कवितायें एक बेहतरीन अभिव्यक्ति का परिचय हैं!!

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  12. बढिया परिचय।
    निरंतर लेखन कर्म करती रहें, यही शुभकामनाएं........

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  13. अनु का परिचय अनु के लिखे शब्द देते हैं :)लिखा हुआ तो पढ़ा ही है और बहुत अच्छा भी लगा है .आज रूबरू हो कर और भी अच्छा लगा ...अनु दी ग्रेट :)बहुत बढ़िया है यह ..

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  14. लगता है मेरी टिप्पणी स्पैम में गई

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  15. Aap ki positivity hamesha attract karti rahi hai mujhe . Kuchh aur aap ke baare mein jaan kar achchha laga :-)

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  16. आभार और ढेर सा प्यार.....
    सभी पाठकों को.
    ♥ ♥
    ये स्नेह सदा बनाये रखिये...
    शुक्रिया दिल से..
    अनु

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  17. आपकी लेखनी से रूबरू हैं ही ...नियमित पाठक हैं आपके ....सहज भाव से लिखती हैं आप और भाव ऐसे जो हृदय से जोड़ देते हैं ......ऐसे ही लिखती रहें ....शुभकामनायें ...!!

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  18. आपकी कलम ... आपका लेखन ... आपका स्‍नेह ... सब एक साथ है
    यही सब तो परिचय की इस श्रृंखला को खास बनाता है
    सादर

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  19. प्रतिभाशाली व्यक्तित्व...परिचय के लिए आभार|

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  20. मैने आपकी कवि‍ता पढी
    गांव का बूढा बरगद, सभी पूजते नमन करते , फि‍र बूढा बाप क्‍यो सि‍सकता है
    बहुत अच्‍छी लगी। अरुण कुमारसिह............ 9415379644

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  21. मैने आपकी कवि‍ता पढी
    गांव का बूढा बरगद, सभी पूजते नमन करते , फि‍र बूढा बाप क्‍यो सि‍सकता है
    बहुत अच्‍छी लगी। अरुण कुमारसिह............ 9415379644

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  22. आपकी लिखी हुई एक कविता है , जिसमे कुछ पंक्तियाँ आती हैं -

    एक रोज जब सीना चीर कर ,
    तुम दे रहे थे अपनी मुहब्बत का सबूत ,
    तब चुपके से वहाँ मैंने ,
    अपना एक ख्वाब छिपा दिया था ,
    तुम्हारे सीने में जो हलचल है ,
    उसे धडकन मत समझना |
    बहुत पहले पढ़ी थी लेकिन आज भी मुझे ये कुछ सबसे बेहतरीन में से लगती हैं |

    सादर

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  23. आपकी कलम का रंग और एहसास गहरा-गहरा और गहरा होता जाए ,,,
    आपके लिए ढेरो शुभकामनाएं ...........

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  24. आपकी कलम का रंग और एहसास गहरा-गहरा और गहरा होता जाए ,,,
    आपके लिए ढेरो शुभकामनाएं ...........

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  25. anu , aaj aapke comments apni kavita par padhe, behad achchha laga, aapke blog par aane ka bhi avsar mila.aapka parichay yani aapke baare bhi jana ,ham bhi science ke vidhayarthi hi hain , chemistry ki chemistry jab kavita se mail kha gai to uski reaction ka parinam hai aapki kavita. vah

    जवाब देंहटाएं
  26. sahi kaha aapne, likhne ke liye waqt chahiye aur bhawnaaye to hamare man ke andar hai bas unhe shabdo ka roop deha hota hai, well aapki rachnaaye sashakt hoti hai bahut bahut badhaiya,
    ham aapke samne kuchh bhi nahi hai bs kabhi kabhi koshish kar liya karte hai,
    agar aap faceboop par bhi hai to kripya link de
    EMAL kar sakte hai aap "" sidsxx15@gmail.com"" pr aap link dijiye plss jald hi mai nayi id se add ho raha hu fb par
    dhanywaad :)

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  27. kyoki facebook isliye kah raha hu ki blog par aana to roj nahi hta par facebook par hota hai aur aapki rachnao ko padhne ka maouka bhi hame milega to plsss add kijiye na
    09752325391 my mob num.

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  28. Anu di this description is as beautiful as your poetry.Your writings, they say, are an extension of your personality and character.this is so true in your case. although i have never met you in person, i know how beautiful you are inside and out.

    best regards
    Aparna

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  29. आपकी कलम ... आपका लेखन ... आपका स्‍नेह ... सब एक साथ है !
    यही सब तो परिचय की इस श्रृंखला को खास बनाता है, बहुत उम्दा,
    खूबसूरत और मर्मस्पर्शी भावनाओं की अभिव्यक्ति ! आपकी कलम का रंग और एहसास गहरा और गहरा होता जाए ,,,
    आपके लिए ढेरो शुभकामनाएं ...........
    साधुवाद !!!

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